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ओबामा के प्रतीक कुहाड़ के गीत को सुनना, फैज़ की नज़्म का ट्रेंड करना क्‍या बताता है?

क्या गीत, संगीत, कविताएं और शायरी सांप्रदायिकता भी फैला सकती हैं? अराजकता भी फैला सकती हैं ? क्या एक कवि या शायर द्वारा लिखे गए लफ्ज़ देश विरोधी भी हो सकते हैं?

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