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हाशिमपुरा नरसंहार: 22 मई 1987 की पूरी कहानी, चश्मदीदों की जुबानी- जब वर्दीवालों ने की 42 बेगुनाहों की हत्या

<p style="text-align: justify;"><strong>मेरठ:</strong> उस दिन दोपहर बाद से ही हाशिमपुरा की गलियों में पुलिस और पीएसी के संगीनधारी जवानों की चहलकदमी अचानक बढ़ गई थी. थोड़ी देर में लाउडस्पीकर से एलान हुआ कि हर घर की तलाशी होगी. तलाशी शुरू हुई तो बच्चों से लेकर अधेड़ तक सब हिरासत

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